Gorkha War Memorial : भारत माता की आन-बान और शान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने का जज्बा रखने वाले गोरखा सैनिकों की वीरगाथा को संजोने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है। इसके तहत, राज्य का संस्कृति विभाग गोरखा रेजिमेंट के गोरखा भर्ती डिपो गोरखपुर स्थित गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ यहाँ एक भव्य संग्रहालय का निर्माण कराने जा रहा है। इसका शिलान्यास 4 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान करेंगे।
आम जनता पहली बार गोरखा योद्धाओं की कहानी देख और जान सकेगी
उल्लेखनीय है कि आम जनता के अवलोकन के लिए बनने वाला गोरखा रेजिमेंट का यह पहला संग्रहालय होगा। इस तरह, देश-विदेश में अपनी वीरता से विशिष्ट पहचान बनाने वाले गोरखा योद्धाओं की कहानी से आम लोग रूबरू हो सकेंगे। यह देश में अपनी तरह का पहला संग्रहालय होगा। गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण एवं संग्रहालय निर्माण हेतु उत्तर प्रदेश जल निगम नगरिया की सीएंडडीएस इकाई 42 को क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में चयनित किया गया है। स्मारक के सौंदर्यीकरण एवं संग्रहालय निर्माण पर 44 करोड़ 73 लाख 37 हजार रुपये की लागत आएगी।
गोरखा सैनिक अपने युद्ध कौशल के लिए जाने जाते थे। Gorkha War Memorial
इसके अंतर्गत संग्रहालय, शौचालय ब्लॉक, टिकट काउंटर, वर्तमान भवन का जीर्णोद्धार, जलाशय, चारदीवारी, लिफ्ट आदि का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो, सेवन डी थिएटर, भित्ति चित्र आदि की भी व्यवस्था होगी। गोरखा सैनिक भारतीय सेना में अपने विशेष युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। ब्रिटिश काल से लेकर अब तक भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों को 2700 से अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध में गोरखा सैनिकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। देश की स्वतंत्रता के बाद गोरखा सैनिकों ने युद्ध के साथ-साथ शांति अभियानों में भी अतुलनीय भूमिका निभाई है। वर्तमान में लगभग 40,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।
गोरखा युद्ध स्मारक 100 वर्ष पुराना है। Gorkha War Memorial
1866 में स्थापित गोरखा भर्ती डिपो गोरखपुर सबसे पुराना भर्ती डिपो है। यहाँ युद्ध स्मारक की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध में गोरखा सैनिकों के योगदान की स्मृति में 1925 में की गई थी। इस स्मारक में अब तक आठ ऐसे योद्धाओं की कांस्य प्रतिमाएँ स्थापित की जा चुकी हैं जिन्होंने युद्ध के दौरान अद्वितीय वीरता का परिचय दिया और उल्लेखनीय पुरस्कार प्राप्त किए। इनमें फील्ड मार्शल मानेकशॉ, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, कैप्टन 4 मनोज पांडे, अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जेआर चिटनिस, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त, मेजर मान बहादुर राय और नायक नर बहादुर की प्रतिमाएँ शामिल हैं।

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